आम आदमी पहले नेता को चुनता है उसे वी.आई.पी.बना देता है और फिर किसी कोने के हवाले हो जाता है या फिर चौराहे पर से नेता जी के गुजर जाने का इन्तजार करता है ताकि उसे भी जाने दिया जाये १अजीब बिडम्बना है की जो वी.आई.पी.बनाने का माद्दा रखता है वह स्वयं ही साधारण बन कर रह जाता है और नेता जी ,जो उसकी जाति,धर्म ,वर्ग से चुन कर आतें हैं इतने वी.आई.पी.हो जातें हैं की उन से मिलने के लिए जनता को घंटो ,दिनों या फिर अगले चुनाव का इन्तजार करना पड़ता है १नेता जी की कृशकाय काया फूल कर मोटी हो जाती है और जनता चूस चूस कर कृशकाय कर दी जाती है
हाँ अगर जनता पाने धन पर बेईमानों से हिसाब चाहे तो ये लोकतंत्र का अपमान करार दिया जाता है !१११ अब कोई ये बताये की लोकतंत्र का अपमान जनता को लूट कर अपनी तिजोरी भरने वाले करतें हैं या साधारण लोग ??????????? कब तक सोयेगा ये देश और हम कब तक इन ठेकेदारों के हाथों नीलाम होते रहेंगे ,जो जाति, धर्म ,क्षेत्र के नेता हैं और सबसे ज्यादा अपनी जाति धर्म और क्षेत्र का शोषंड करतें हैं ? हम भी लोग जिम्मेदार हैं क्यों इन्हें चुनतें हैं जो केवल अपनी कुंठाओं ,आकांक्षाओं एवं इक्षाओं का प्रतिनिधित्व करतें हैं और जनता को भ्रमित करतें हैं की वो उनकी जाति या धर्म ,क्षेत्र के हिमायती हैं !!१ अब अगर बात भ्रष्टाचार की हो रही है तो सबसे ज्यादा सक्रिय हैंकि, इस लड़ाई की धार कुंद की जाय ताकि इनकी लूट खसोट चलती रहें इनके बच्चे मौज करें और देश को गुमराह करतें रहें !!1
No comments:
Post a Comment